Anti Rabies in Gaziabaad: The news of the death of a 14 year old child due to spread of rabies after a dog bite remains a topic of discussion.
Anti Rabies in Gaziabaad: गाजियाबाद में कुत्ता काटने के बाद रैबीज फैलने से हुई 14 साल के बच्चे की मौत की खबर चर्चा का विषय बनी हुई है। इस घटना के बाद दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। सोसाइटी के ग्रुप्स में लोग आवारा कुत्ते के बढ़ते आतंक को लेकर चिंता में है। इस घटना के बाद लोग जगह-जगह कुत्तों को खाना खिलाने वालों को ही जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। सार्वजनिक जगहों पर डॉग फीडिंग को लेकर एक बार फिर से विरोध होना शुरू हो गया है। कुछ लोगों का कहना है कि जो कुत्ते को खाना खिलाते हैं, वही वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी लें। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर रोज 500 से ज्यादा लोग सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचते हैं, इंजेक्शन नहीं होने पर कुछ लोग निजी हॉस्पिटल भी जाते हैं, वो डेटा अलग से है।
Anti Rabies in Gaziabaad: पहले सरकारी अस्पतालों में 24 घंटे एंटी रैबीज का इंजेक्शन नहीं लगता था, NBT इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है, हालांकि अब इंजेक्शन लगने की व्यवस्था शुरू हो गई है। कुत्तों पर कार्रवाई के सवाल पर अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर 2022 से अब तक 6542 नसबंदी और टीकाकरण किया गया है। इसमें 688 तो अगस्त में ही किए गए हैं, जबकि कुल 24580 कुत्तों की नसबंदी की गई, जिन कुत्तों को वैक्सीन या नसबंदी कराई जाती है, उन्हें निगम के राजनगर एक्सटेंशन नंदी पार्क में बनाए गए केंद्र पर 15 दिन निगाह रखने के लिए रखा जाता है। बाद में जहां से इन कुत्तों को लाया जाता है, वहीं छोड़ने की कार्रवाई की जाती है। बता दें कि अगस्त में बांम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने पर इनकार कर दिया। वैक्सीनेशन और स्टेरलाइजेशन के बाद आवारा कुत्तों जहां से पकडा वहीं पर छोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सही बताया।
कई कुत्तों की हुई नसबंदी
Anti Rabies in Gaziabaad: नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉक्टर अनुज कुमार ने बताया कि अक्टूबर 2022 से अब तक 6542 नसबंदी और टीकाकरण किया गया है। इसमें 688 तो अगस्त में ही किए गए हैं, जबकि कुल 24580 कुत्तों की नसबंदी की गई। जिन कुत्तों को वैक्सीन या नसबंदी कराई जाती है। उन्हें निगम द्वारा राजनगर एक्सटेंशन नंदी पार्क में बनाए गए केंद्र पर 15 दिन निगाह रखने के लिए रखा जाता है। बाद में जहां से इन कुत्तों को लाया जाता है, वहीं छोड़ने की कार्रवाई की जाती है।
रैबीज हैं काफ़ी ख़तरनाक
Anti Rabies in Gaziabaad: IMA के स्टेट सचिव और सीनियर फिजिशियन डॉ. वीबी जिंदल बताते हैं कि रैबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से ही नहीं फैलता। कुत्ते के अलावा बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार या अन्य जंगली जानवरों के काटने से भी रैबीज हो सकता है। इसके अलावा अगर किसी घाव पर गलती से कुत्ते की लार गिर जाती है तो उससे भी रैबीज हो जाता है। यही नहीं जानवरों के चाटने, नाखून मारने से भी रैबीज हो सकता है। इनमें से कुछ भी हो तो 24 घंटे के अंदर वैक्सीन लगवानी चाहिए। यदि बाइट शरीर के ऊपरी हिस्से पेट, कमर, बाजू, कंधे और चेहरे पर है तो जल्द से जल्द वैक्सीन लगवानी चाहिए। रैबीज का विषाणु खून के जरिए दिमाग तक पहुंचता है, जिसके बाद उपचार संभव नहीं हो पाता है। बाइट के दौरान यदि गहरा और बड़ा घाव हो जाए तो मरीज को सीरम लगाने की भी जरूरत पड़ती है।
क्या हैं रेबीज के लक्षण ?
Anti Rabies in Gaziabaad: बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, खाना-पीना निगलने में दिक्कत, बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर, अनिद्रा, एक हिस्से में पेरेलेसिस अगर कुत्ते काटने के बाद इनमे से कोई लक्षण किसी व्यक्ति में हैं तो वो रेबीज का शिकार हो रहा हैं.
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