BJP: The amount announced to be given to the victims is just a trick to hide their negligence and inefficiency.
BJP: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को जो राशि देने की घोषणा की है, वह सिर्फ अपनी लापरवाही और नाकारेपन को छिपाने की एक चालाकी है। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना एवं प्रवीण शंकर कपूर उपस्थित थे।
BJP: वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार की लापरवाही से आई बाढ़ के कारण दिल्ली के 25000 से अधिक लोग आज सड़कों पर हैं लेकिन केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए 16 जुलाई 2023 को ट्वीट कर बाढ़ पीड़ितों को 10,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की ।उन्होंने कहा कि बाढ़ आने के बाद अगर अरविंद केजरीवाल ने मीटिंग कर बाढ़ पीड़ितों की परेशानियों का आकलन किया होता तो उन्हें अंदाजा होता कि उनके द्वारा ऐलान की गई राशि कितनी कम है।
BJP: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की केजरीवाल बताए कि उनकी सरकार ने कितने लोगों को मुआवजा दिया है जबकि पानी में डूबने से उत्तर पूर्वी में तीन बच्चो की मौत हो गई एवं यमुना खादर में बारिश में भींगने से एक बहन की मौत हो गई।यह खेदपूर्ण है की केजरीवाल सरकार ने ना यमुना खादर में मृत बाढ़ग्रस्त बहन के परिजनों को ना ही जलजमाव से मृत किसी अन्य को कोई मुआवज़ा दिया है।आगे उन्होनेँ कहा कि वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की अरविंद केजरीवाल को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक आधार नही बचा है वह अविलंब इस्तीफा दें।
दिल्ली सरकार बाढ़ पीड़ित सहायता राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये करे और फसल नुकसान के लियें किसानों को 50000 रूपये एकड़ करे — रामवीर सिंह बिधूड़ी
BJP: रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा हमने दिल्ली सरकार को राजनीतिक मुद्दों पर विधानसभा सत्र बुलाते देखा है पर आज जब दिल्ली कराह रही है ऐसे सरकार मौन है। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मांग कि की दिल्ली सरकार अविलंब विधानसभा मानसून सेशन बुलाएं और दिल्ली में बाढ़ के कारणों पर एवं बाढ़ की वजह से हुए नुकसान पर चर्चा करवाये। आगे उन्होनेँ कहा कि आखिर किन प्रशासनिक व्यवस्था कमज़ोरी की वजह से मात्र तीन लाख क्यूसिक पानी से दिल्ली डूब गई।
BJP: रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मांग रखी की दिल्ली सरकार बाढ़ पीड़ित सहायता राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये की जाए। जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उनको 50,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दी जाए।
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