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HomeStatesMadhya Pradeshभाजपा इलेक्शन पर और कांग्रेस संगठन पर फोकस

भाजपा इलेक्शन पर और कांग्रेस संगठन पर फोकस

भोपाल

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिशन 29 को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पैनी नजर यहां पर हैं। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान हारे हुए बूथों की जानकारी अपने पास संकल्न कर रखी है। इसके आधार पर ही वे माइक्रो लेवल पर अपनी नजर जमाए हुए हैं। इसका उदाहरण रविवार को उनकी खजुराहो लोकसभा सीट पर देखने को मिला। यहां पर शाह हारे हुए बूथों की सूची अपने साथ लेकर आए थे। प्रदेश की पांच सीटों के हर बूथ पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे काम की पूरी अपडेट दिल्ली तक भेजी जा रही है।

सूत्रों की मानी जाए तो शाह के पास प्रदेश के लगभग 20 हजार बूथों की जानकारी हैं। जो वे वर्ष 2019 और हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी जिन बूथों पर हारी है। इन सभी बूथों पर उनकी सीधी नजर है, इसके जरिए वे माइक्रो लेवल पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में मध्य प्रदेश में पिछले दिनों की सभा में हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का टारगेट भाजपा को दिया है।

छिंदवाड़ा पर सबसे ज्यादा फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  टारगेट के साथ ही शाह भी हारे हुए बूथों को जीतने की रणनीति बना रहे हैं। इसमें मध्य प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव और इस बार के विधानसभा में छिंदवाड़ा जिले में ही पार्टी सबसे ज्यादा बूथ पर हारी है। इस बार भाजपा के मिशन 29 में छिंदवाड़ा सीट उसके टारगेट पर है, यहां पर लगातार हर बूथ की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के साथ ही अमित शाह के पास पहुंच रही है। इसी तरह आदिवासी बाहुल्य मंडला, शहडोल, झाबुआ-रतलाम और धार के सीट के भी हर बूथ पर पार्टी के चल रहे काम की अपडेट दिल्ली तक भेजी जा रही है। इससे यह साफ है कि छिंदवाड़ा के अलावा अनूसूचित जनजाति बाहुल्य लोकसभा क्षेत्रों पर पार्टी का ज्यादा फोकस है।

इन क्षेत्रों में हो सकता है शाह का दौरा
लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रदेश में और भी दौरे हो सकते हैं। रविवार को वे तीन जगह पर आए थे। ग्वालियर, खजुराहो और भोपाल। अब माना जा रहा है कि उनका अगला दौरा महाकोशल और मालवा तरह के लोकसभा क्षेत्रों में हो सकता है। वे छिंदवाड़ा भी जा सकते हैं, यही एक मात्र सीट है जो फिलहाल कांग्रेस के पास है।

इधर प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी बन कर तैयार हो चुकी है। इसमें नाम दिल्ली तक पहुंच गए हैं, अब यहां से हरी झंडी मिलते ही एआईसीसी इसे जारी कर देगी। राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में न्याय यात्रा के गुजरने से पहले कार्यकारिणी की घोषणा हो सकती है।
गौरतलब है कि कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए जीतू पटवारी दो महीने बाद तक अपनी टीम नहीं बना पाए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र भंवर सिंह ने यहां के नेताओं के साथ पहली बैठक में ही प्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। तब से जीतू पटवारी की नई टीम बनाए जाने को लेकर लगातार कयास लगाए जाते रहे हैं। अब इन अटकलों को जल्द ही विराम लगने वाला है। पार्टी सूत्रों की मानी जाए तो पटवारी की पहली प्रदेश कार्यकारिणी में चुनिंदा नेताओं को ही जगह दी जाएगी। जिसमें भी युवाओं को ज्यादा महत्व दिया जाएगा। कार्यकारिणी के बाद पार्टी के सीनियर लीडर नाराज न हों, इसलिए कांग्रेस के सभी गुटों के नेताओं की पंसद को ध्यान में रखा गया है। पटवारी की कार्यकारिणी में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह के समर्थकों को भी जगह दी जा रही है।

कितने बनेंगे पदाधिकारी
पटवारी की टीम में 36 उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे। वहीं करीब 40 महासचिव भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा करीब 80 सचिव बनाए जाएंगे। पहले पहले सूची होगी। इसके बाद यदि प्रदेश कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने से कुछ नेताओं में नाराजगी दिखी तो इसमें उपाध्यक्ष और महासचिव के कुछ और नाम जोड़े जाने की भी तैयारी एआईसीसी ने कर रखी है।